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2000 में महाराजश्री श्री रावतपुरा सरकार ने इस ट्रस्ट की स्थापना की, जिसका लक्ष्य शिक्षा एवं सामाजिक कल्याण के माध्यम से वंचित वर्गों का उत्थान करना है। हमारा विद्यालय इसी सिद्धांत को आगे बढ़ाता है और विद्यार्थियों को संस्कृत एवं सामान्य शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करता है।

ध्येय वाक्य

सिद्धिर्भवति कर्मजा।

सफलता का मूलमंत्र कठिन परिश्रम है।

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स्थापना एवं उद्देश्य

श्री रावतपुरा सरकार संस्कृत संस्थानम् में आपका हार्दिक स्वागत है

अनंत विभूषित श्री रविशंकर जी महाराज के दिव्य मार्गदर्शन में स्थापित, श्री रावतपुरा सरकार संस्कृत विद्यालय वेदज्ञान और भारतीय संस्कृति का एक जीवंत केंद्र है। यह संस्था रावतपुरा धाम, भिण्ड (म.प्र.) में स्थित है और संस्कृत के प्रचार-प्रसार तथा आधुनिकीकरण के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री रावतपुरा सरकार भिंड जिले के चंबल की बीहड़ घाटियों में, जहॉ पर डकैतों का बोलबाला था, ऐसे स्थान को महाराज श्री के द्वारा सन् 1991 में अपना तपस्या स्थल बनाया,एंव सस्ंकृत वेदभाषा का प्रचार प्रसार करने के लिए 2006 में संस्कृत विद्यालय की स्थापना की वर्तमान में यह स्थान भक्तों/पर्यटकों के लिए अतिरमणीय एवं पर्यटन स्थल बना हुआ है।

यह संस्कृत विद्यालय श्री रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट द्वारा स्थापित है। 2000 में महाराजश्री श्री रावतपुरा सरकार ने इस ट्रस्ट की स्थापना की, जिसका लक्ष्य शिक्षा एवं सामाजिक कल्याण के माध्यम से वंचित वर्गों का उत्थान करना है। हमारा विद्यालय इसी सिद्धांत को आगे बढ़ाता है और विद्यार्थियों को संस्कृत एवं सामान्य शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करता है।

उद्देश्य

  • वेद एवं संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार संरक्षण एवं संवर्धन।
  • छात्रों के उत्तम व्यक्तित्व का निर्माण उत्तम राष्ट्र तथा सभ्य समाज का निर्माण।
  • भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को सम्पूर्ण विश्व में प्रसारित करना।
  • वेदों, उपनिषदों तथा पुराणों में वर्णित ज्ञान विज्ञान पर अनुसंधान कर भारतीय सिद्धांतो को प्रतिपादित करना।
  • छात्रों के सर्वांगीण विकास अर्थात शारीरिक, मानसिक,वैद्धिक, आध्यात्मिक, चरित्रित तथा सामाजिक विकास हेतु प्रयास करना।
  • प्राचीन वौद्धिक विद्याओं का अध्ययन जैसे- आयुर्वेद, शिक्षा, नीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र शिक्षा।
  • संस्कृत भाषा को जनमानस की भाषा बनाते हुये संस्कृत की वैज्ञानिकता को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना।
  • ग्रामीण व गरीव छात्रों को आज के समाज के उच्च तबके के समकक्ष बनाना।
  • गरीव व असहाय बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करना।

विद्यालस्य उद्देश्यानि

  • संसारे संस्कृत भाषायाः प्रचार प्रसारः।
  • वैदिकवाड्मयस्य परम्परायाः संसारे समत्व भावनायाः विकासः।
  • आधुनिक समये संस्कृतस्य महत्वं आवष्चकताष्च विकासः सम्वर्धनाय।
  • शिक्षायाः सार्वभौमिकी करणाय।
  • शिक्षायाः विष्ववन्धुत्व भावनायाः विकासार्थाय।
  • छात्राणां कृते शिक्षायाः सरलीकरणम्।
  • विद्यायाः कौशलं मूल्यं च वर्धनाय।
  • शिक्षायाः जीवनोपगी मूल्यानि विकासाय।
  • छात्रस्य बुद्धिः कौषलस्य वर्धनाय।
  • छात्राणां कृते आवश्यकी शिक्षायाः महत्वं विकासाय।
  • छात्राणां साक्षरं कृत्वा सं विद्यानस्य मूल्यानि वर्धनाय।
  • शिक्षायाः क्षेत्रे नवाचारः एवं च उत्कृष्टा विकासाय।
About Us

हमारे बारे में

यज्ञ अनुष्ठानों के लिये छात्रों को प्रायोगात्मक रुप से तैयार करने हेतु दैनिक अनुष्ठान एवं साप्तिाहिक अर्चन करवायें जाते है।

परम पूज्य महाराज श्री के नेतृत्व में संस्कृत विद्यालय की प्रत्येक ईकाई जैसे- भूमि, भवन,अध्ययन,अध्यापन,संस्कारों आदि के प्रति निरंतर रुप से दृष्टिगोचर करते रहते है।

रावतपुरा सरकार संस्कृत विद्यालय में छात्रों के सर्वांगीण विकास को देखते हुये अध्ययन करवाया जाता है, तथा किये गये अध्ययन को प्रतिदिन प्रायोगात्मक भी करवाया जाता है। हमारा विद्यालय एक आधुनिक सुख-सुविधाओं से सुसज्जित है।

  • श्री रावतपुरा सरकार संस्कृत महाविद्यालय श्रंगारवन चित्रकूट
  • श्री रावतपुरा सरकार संस्कृत उ.मा. विद्यालय श्रंगारवन चित्रकूट
  • श्री रावतपुरा सरकार संस्कृत उ.मा. विद्यालय पंतनगर सागर, मध्य-प्रदेश

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली द्वारा चयनित शिक्षक
  • व्याकरण विभाग
  • साहित्य विभाग
  • वेद विभाग
  • ज्योतिष विभाग
  • संगीत विभाग
  • दर्शन विभाग
  • खेल विभाग
  • अनुष्ठान विभाग

  • प्रदेष में सर्वश्रेष्ठ परीक्षा परिणाम
  • राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करना
  • राज्यस्तरीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में स्थान प्राप्त करना
  • कला एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में सफलतायें
  • विभिन्न अनुष्ठान जैसे 108 रामार्चा यज्ञ
  • मां राजराजेश्वरी कोटि अर्चन
  • 1100 कुंडीय कोटि होम अर्चन
  • 108 श्री रामार्चा महायज्ञ

शिक्षक ही विद्यालय की आत्मा होते हैं।

यदि आप संस्कृत, वेद, दर्शन, या पारंपरिक भारतीय विद्याओं में पारंगत हैं और भावी पीढ़ी को शिक्षित करने की प्रेरणा रखते हैं, तो हम आपका स्वागत करते हैं। श्री रावतपुरा सरकार संस्कृत संस्थानम् में आप एक पवित्र उद्देश्य का हिस्सा बन सकते हैं।

श्री रावतपुरा सरकार संस्कृत संस्थानम्

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